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Thursday, July 24, 2025

पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे – Pag Ghungroo Bandh Meera Lyrics in Hindi

🎵 पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे 🎵

लेखक: मीरा बाई | Blogger: Salikram Chapekar

पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे, mira bai bhajan lyrics
मीरा बाई श्रीकृष्ण के समर्पण में नृत्य करती हुईं


🙏परिचय:

"पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे" भजन मीरा बाई के उस अपार प्रेम और समर्पण की अनुभूति कराता है, जिसमें वे श्रीकृष्ण के प्रति पूरी तरह समर्पित होकर नृत्य करती हैं। यह भजन भक्तिरस और आत्मा और परमात्मा के प्रेम की पराकाष्ठा है।

📜भजन की जानकारी:

  • भाषा: ब्रज भाषा मिश्रित सरल हिंदी
  • शैली: भक्तिरस, प्रेमरस, समर्पण रस
  • संबंधित देवता: श्रीकृष्ण (गिरिधर गोपाल)
  • भजन श्रेणी: मीरा बाई के प्रमुख भजन

✨ भजन लिरिक्स ✨  
पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे

पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे
पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे।।

।। टेक।।
मैं तो मेरे नारायण की,
आप ही हो गई दासी रे।।

।। 1।।
विष का प्याला राणा जी ने भेजा,
पीवत मीरा हँसी रे।।

।। 2।।
लोग कहें मीरा भई बावरी,
सास कहे कुल-नासी रे।।

।। 3।।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
सहज मिले अविनासी रे।।

🌼 भजन का सार:

इस भजन में मीरा बाई का वह रूप दिखता है जहाँ वह सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर कृष्ण की सेवा में खुद को समर्पित करती हैं। वह विष का प्याला पीते समय भी हँसती हैं, क्योंकि उनके लिए जीवन-मरण से ऊपर है भक्ति। समाज उन्हें पागल समझता है, लेकिन वह तो ईश्वर प्रेम में मगन हैं। अंततः उन्हें सहज भाव से अपने गिरिधर नागर का साथ मिल जाता है।

निष्कर्ष :

मीरा बाई का यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम ईश्वर से हो तो उसमें त्याग, तपस्या और आत्मसमर्पण का भाव स्वतः आ जाता है। "पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे" केवल एक भजन नहीं, बल्कि ईश्वर प्रेम में लीनता की पराकाष्ठा है।

═════════ 🙏 भजन लिरिक्स 🙏 ═════════
ईश्वर की अन्य भक्तिमय प्रार्थना के लिए जरुर देखे - 
सामुदायिक प्रार्थना तुकड्यादास महाराज

🙏  संकलनकर्ता:
यह पोस्ट BhaktiGeetBhajan द्वारा प्रकाशित की गई |"आपको यह भजन कैसा लगा? कमेंट में बताएं और अपने प्रिय भक्तों के साथ शेयर करें।"


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