🎵 हे मानव क्यों करते हो अनमोल जनम का हरजाना 🎵
🖋️ लेखक: राष्ट्रसंत गोपालराव महाराज |
संकलनकर्ता:S.R Chapekar
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Manav janm ka Chintan |
📖।। भजन।।
हे मानव क्यों करते हो,अनमोल जनम का हरजाना ।
जीना मरना सबको लगा है, परमारथ करके मर जाना ।।
मानव....।।टेक।।
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इस जीवन में तेरे सरीखी, जानकारी नहीं आनंद।
ऊंचा खाना ऊंचा पीना, क्यों नहीं भजता परमानंद।
अच्छे कपड़े उंँची बिछायत, पैसे उड़ाता मनमाना।।
मानव....।।1।।
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इतनी तेरी हस्ती होकर, क्युंँ भुलता है भजन भला।
जहां भी तेरी जब इच्छा हो, सैर सपाटे निकल चला।
दूसरी योनि के बंधन में, भरपेट ना खा सकता खाना।।
मानव....।।2।।
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स्वतंत्र तुझको दिया है, उस मालिक को भूल गया ।
हरि भजन बिन, इस दुनिया में कुछ ना किया।
चल उठ जल्दी, मत कर आलस, नाम अमर कर मर जाना।।
मानव....।।3।।
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लख 84 जीव है जितने, नहीं साधन कुछ बन सकता।
उत्तम नर्तन, तू ही एक है, क्या तुझको कुछ नहीं दिखता।
गोपाल कहे कुछ समय नहीं है, प्रभु का भजन कर मर जाना।।
मानव....।।4।।
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